RBI का नया लोन सिस्टम ULI… जानिए कैसे काम करेगा यूनिफाइड लैंडिंग इंटरफेस
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का नया फटाफट लोन सिस्टम न सिर्फ आसान लोन देगा बल्कि लोगों को लोन के फ्रॉड से भी बचाएगा। आजकल कई फर्जी ऐप्स हैं जो तुरंत लोन देते हैं, लेकिन बाद में लोगों को कर्ज के जाल में फंसा लेते हैं।
आजकल लोन लेना लोगों की जिंदगी का एक सामान्य हिस्सा बन चुका है—चाहे वह घर का लोन हो, गाड़ी का लोन हो, या अन्य जरूरतों के लिए। बड़े शहरों में तो जीवन की जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत से लोगों को कर्ज लेना पड़ता है। संभव है कि आपके पास भी इस समय कोई न कोई कर्ज हो। कई बार चाइनीज इंस्टेंट लोन ऐप्स इसका फायदा उठाते हैं; ये ऐप्स तो जल्दी लोन दे देते हैं, लेकिन उनकी ब्याज दरें और वसूली की शर्तें बहुत कठिन और खतरनाक हो सकती हैं।
इस समस्या का समाधान करते हुए, सरकार एक नई व्यवस्था पेश करने जा रही है जिसे यूनिफाइड लैंडिंग इंटरफेस (ULI) कहा जाता है। इसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का फटाफट लोन सिस्टम भी माना जा सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का कहना है कि यह सिस्टम न केवल सरल है बल्कि सुरक्षित भी है, और लोन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करेगा। इसका मतलब है कि अब आपको बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और दस्तावेजों की लंबी-चौड़ी प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं होगी। यूनिफाइड लैंडिंग इंटरफेस के जरिए लोन लेना अब और भी आसान हो जाएगा।
पिछले एक साल से यह योजना परीक्षण के तौर चल रहा है काम
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में एक नए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, यूनिफाइड लैंडिंग इंटरफेस (ULI), को लॉन्च करने की घोषणा की है। इसका पायलट प्रोजेक्ट पिछले एक साल से चल रहा है और अब यह जल्द ही बाजार में उपलब्ध होने के लिए तैयार है। जैसे फोन पे, गूगल पे, और पेटीएम जैसे ऐप्स यूपीआई सिस्टम पर आधारित हैं, जिसकी निगरानी नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) करता है, वैसे ही ULI एक नया प्लेटफॉर्म लाएगा। इस प्लेटफॉर्म पर कई लेंडिंग ऐप्स काम करेंगे, जिससे लोन प्राप्त करना और भी सरल हो जाएगा।
आपको ULI से फटाफट लोन कैसे मिलेगा?
- वर्तमान में अगर किसी को लोन चाहिए, तो उसके पास दो विकल्प होते हैं: या तो ऑनलाइन आवेदन करें या बैंकों में जाएं। यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) के जरिए एक क्लिक से आवेदन करना संभव होगा, जिससे बैंकों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- फिलहाल, लोन के लिए कई दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होते हैं और इसके लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। लेकिन ULI प्लेटफॉर्म पर सभी दस्तावेज़ पहले से ही उपलब्ध होंगे। वर्तमान में, पेपर देने के बाद बैंक अधिकारी कर्ज लेने वाले व्यक्ति के घर से दफ्तर तक जांच पड़ताल करते हैं। ULI प्लेटफॉर्म इसके स्रोतों से सभी दस्तावेज़ प्राप्त कर लेगा।
- वर्तमान में, दस्तावेज़ चेक करने के बाद लोन स्वीकृत किया जाता है। ULI सिस्टम में, दस्तावेज़ के आधार पर लोन की पात्रता पहले से ही तय हो जाएगी। अगर सब कुछ सही लगता है, तो लोन की राशि सीधे आपके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
- अगर बैंक को दस्तावेज़ में कोई कमी दिखती है, तो लोन रिजेक्ट कर दिया जाता है। इसके विपरीत, ULI सिस्टम से बिना किसी परेशानी के लोन मिलना आसान हो जाएगा।
- इस व्यवस्था का लाभ यह है कि वर्तमान में कर्ज देने वाले ऐप्स स्वतंत्र रूप से काम करते हैं और सरकार तथा RBI की निगरानी सीमित होती है। जबकि ULI प्लेटफॉर्म पर आधारित ऐप्स सरकार और RBI की निगरानी में होंगे, जो आपके लिए फायदेमंद होंगे।
इस व्यवस्था के लिए, रिजर्व बैंक ने अगस्त 2023 में एक टेक्निकल प्लेटफॉर्म का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। पिछले एक साल में इस प्लेटफॉर्म ने किसान क्रेडिट कार्ड लोन, डेयरी लोन, MSME लोन, पर्सनल लोन, और होम लोन पर ध्यान केंद्रित किया। यह सिस्टम विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले किसानों और छोटे व्यवसायियों के लिए फायदेमंद माना जा रहा है।
ये ULI सिस्टम कैसे काम करेगा?
लोन आवेदन के बाद: ULI प्लेटफॉर्म के जरिए आधार कार्ड और पैन कार्ड की जानकारी डिजिटल रिकॉर्ड्स से ली जाएगी।
ई-KYC प्रक्रिया: इसके बाद, आगे की प्रक्रिया ई-KYC सिस्टम के तहत पूरी की जाएगी।
डिजिटल जानकारी: ULI प्लेटफॉर्म कर्ज लेने वाले व्यक्ति का भूमि रिकॉर्ड समेत अन्य डिजिटल जानकारी रखेगा।
आय और पुराने कर्ज: ULI से किसी के पुराने कर्ज और आय का भी पता आसानी से चल जाएगा।
लोन की पात्रता: इससे यह पता चलेगा कि आवेदनकर्ता लोन के लिए योग्य है या नहीं।
मुख्य उद्देश्य: ULI सिस्टम लोन मिलने की गारंटी नहीं देता, लेकिन कर्ज की लंबी और जटिल प्रक्रिया को आसान बनाने की गारंटी जरूर देता है।
RBI के गवर्नर ने नई व्यवस्था के बारे में क्या कहा?
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ULI एक ऐसा इंटरफेस होगा जो सभी आवश्यक जानकारियाँ आसानी से उपलब्ध कराएगा, जिसमें भूमि रिकॉर्ड भी शामिल होंगे। इससे लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी, खासकर छोटे और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए।
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