ऋषि पंचमी 2024: जानें तारीख, शुभ समय, पूजा की विधि और इसका महत्व3
ऋषि पंचमी 2024-Rishi panchami 2024 जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व
ऋषि पंचमी 2024-Rishi panchami 2024 जानें तारीख, शुभ समय और पूजा की विधि। इस दिन सप्तऋषियों की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह पर्व घर में शांति और खुशहाली लाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
हिन्दू धर्म में ऋषि पंचमी का व्रत सप्तऋषियों की पूजा के लिए हर साल मनाया जाता है, और यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से संतान सुख प्राप्ति और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति की मान्यता है। ऋषि पंचमी भाद्रपद मास की शुक्ल पंचमी को, गणेश चतुर्थी के अगले दिन, मनाई जाती है। इस दिन सप्तऋषियों के प्रति श्रद्धा अर्पित की जाती है और यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाने का भी believed है। गंगा स्नान का विशेष महत्व है, और यह व्रत पुरुष भी अपनी पत्नियों के लिए कर सकते हैं।
ऋषि पंचमी 2024-Rishi panchami 2024 के दिन सप्तऋषियों – कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, वशिष्ठ, गौतम, जमदग्नि, और विश्वामित्र की पूजा की जाती है। ये सात ऋषि ब्रह्मा, विष्णु, और महेश के अंश माने जाते हैं और वेदों तथा धर्मशास्त्रों के रचनाकार हैं। इस व्रत को करने से पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख और शांति प्राप्त होती है।ऋषि पंचमी 2024-Rishi panchami 2024
इस वर्ष भाद्रपद मास की शुक्ल पंचमी तिथि 7 सितंबर को शाम 5:37 बजे से आरंभ होगी और 8 सितंबर को शाम 7:58 बजे तक चलेगी। इसलिए, उदयातिथि के अनुसार ऋषि पंचमी का व्रत 8 सितंबर को मनाया जाएगा।
ऋषि पंचमी पूजा विधि: एक संक्षिप्त मार्गदर्शन
पूजा स्थल का सजावट:
- एक साफ स्थान पर आसन बिछाकर एक चौकी स्थापित करें।
- चौकी को लाल कपड़े से ढककर शुद्धता का प्रतीक बनाएं।
सप्तऋषियों की स्थापना:
- सप्तऋषियों के चित्र या मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें।
- एक कलश में गंगाजल भरकर उसे आम के पत्तों और फूलों से सजाएं।
पूजा सामग्री:
- दीपक जलाकर वातावरण को पवित्र करें।
- कलश से जल लेकर सप्तऋषियों को अर्ध्य दें।
- धूप-दीप दिखाकर उनका आदर करें।
भोग और मंत्र जाप:
- सप्तऋषियों को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- सप्तऋषियों के मंत्रों का जाप करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
विशेष नोट:
- पूजा के दौरान शुद्ध मन से सप्तऋषियों का ध्यान करें।
- पूजा के बाद ब्राह्मणों को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
ऋषि पंचमी का महत्व
ऋषि पंचमी के दिन व्रत रखने से सप्तऋषियों की कृपा से घर-परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहती है। इस दिन भक्तगण गहरी श्रद्धा और भक्ति के साथ सप्तऋषियों की पूजा करते हैं और अपने जीवन को धर्म और आदर्श से परिपूर्ण बनाने की प्रार्थना करते हैं।
इस पवित्र अवसर पर, भक्तगण अपने मन को शुद्ध कर ऋषियों की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। सप्तऋषियों की सोने की मूर्ति बनाकर किसी योग्य ब्राह्मण को दान करने से अनगिनत पुण्य लाभ प्राप्त होता है। सप्तऋषियों की कृपा से जीवन में समस्याएँ कम होती हैं और खुशहाली बनी रहती है।
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